हाईबीम लाइट का प्रयोग कर दौड़ते है सड़को पर वाहन हादसों की बन रहे वजह, विभाग मौन
कोटद्वार। पौडी जिले ले अलग-अलग क्षेत्रो में रात्रि ड्राईब के समय वाहन चालक बेवजह हाईबीम लाइट का इस्तेमाल करते है… जोकि सड़क हादसों की वजह बनती है… परिवहन विभाग ने भी माना कि हाईबीम लाइटें कई बार सड़क हादसे की वजह बनती हैं। सिंगल लेन सड़क पर इसका प्रयोग सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।
बता दे कि सभी श्रेणी के वाहनों में हाई-लो बीम लाइटें होती हैं। लेकिन, ज्यादातर वाहन चालक हाईबीम लाइट का प्रयोग करते हैं। सिंगल लेन सड़क पर भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। सामने से आ रहे वाहन चालक की आंखों पर सीधी रोशनी पड़ने से अक्सर हादसा हो जाता है लेकिन पौडी/कोटद्वार में परिवहन विभाग हेल्मेट व वाहनों के कागजातों की जांच तक तक सिमट कर रहा गया… इन दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अभियान चलाने वाले जिम्मेदारों के द्वारा सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को नियमों के बारे में नहीं बताया जाता सड़क सुरक्षा सप्ताह सिर्फ औपचारिकता बन कर रह गया……
मोटर व्हीकल रेगुलेशन 2017 के तहत कहां किया जा सकता है हाईबीम का प्रयोग
हाईबीम लाइट का प्रयोग खड़ी चढ़ाई वाली सड़कों पर किया जा सकता है। साथ ही, इसे हाईवे पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नेशनल हाईवे पर कम विजिबिलिटी और दूसरी लेन होने के चलते सामने से आ रही गाड़ी पर इसका उतना असर नहीं पड़ता है। हालांकि, सामने वाली कार या गाड़ी को किसी तरह की परेशानी होने पर वे डिपर के जरिए आपको हाईबीम हटाने का संकेत दे सकता है। हाईबीम का प्रयोग साइड मांगने के लिए किया जाता है।
गाड़ियों में दिए गए फॉग लैंप के इस्तेमाल पर भी नियम मौजूद है. इसके मुताबिक, आपको अपनी गाड़ी की फॉगलाइट तभी इस्तेमाल करनी चाहिए जब सड़क पर विजिबिलिटी कम हो, जैसे कि धुंध, कोहरे या खराब मौसम की स्थिति में.
वही आरटीओ अनिता चंद ने बताया कि हाईबीम पर वाहन चलाने की अनुमति हर सड़क पर नही होती है हाईबीम अक्षर दुर्घटना की वजय बनती है इसके लिए एक स्पेशल अभियान चला कर कार्यवाही की जाएगी…