कोटद्वार। ऊर्जा नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरें बढ़ाये जाने का उत्तराखण्ड विकास पार्टी विरोध करती है। पार्टी का मानना है कि जिस तरह घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में बढ़ौतरी की गई और औद्योगिक इकाइयों के बिलों में कटौती की गई साफ बताता है कि भाजपा सरकार जनता के अहित एवम उद्योगपतियों के हित मे कार्य कर रही है। लगता है कि भाजपा की नजर आने वाले चुनाव में चन्दा वसूली पर है जिसका अहसान वो बिजली की दरें उद्योगपतियों के लिए कम करके देना चाहती है।
स्पष्ट है कि आगामी चुनावी खर्चे का भार इस तरह से आम जनता पर डाला जा रहा है , एक तरफ तो दिल्ली में लोग फ्री में बिजली की सुविधा का आनन्द उठा रहे हैं दूसरी तरफ जिस प्रदेश में बिजली बनती है उस प्रदेश के निवासी बिजली की बढ़ती दरों से हैरान परेशान हैं।
पार्टी का मानना है कि जनता को मुफ्त बिजली नहीं चाहिए मगर अनावश्यक भार भी और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार से हुए नुकसान की पूर्ति अधिकारियों से करने की बजाय जनता की जेब पर भाजपा सरकार डाका डाल रही है जो कि उचित नहीं है इसका हर सम्भव विरोध होना चाहिए।