राज्य सरकार की दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत रिवर्स प्लान में रोड बना बिजली विभाग पीड़ित ने की शिकायत
कोटद्वार। जहां एक और राज्य सरकार रिवर्स पलायन को लेकर विभिन्न योजना प्रदेश में चला रही है जिसमें से एक योजना दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे है। लेकिन वहीं दूसरी ओर सरकार की इस योजना पर सरकारी विभाग ही पलीता लगाने में तुले हुए है।
जी हां हम यहां इसलिए कह रहे हैं कि सूर्यकांत बड़थ्वाल निवासी पाली तल्ली पोस्ट ऑफिस गुमखाल तहसील लैंसडौन द्वारा राज्य सरकार की स्वरोजगार योजना के तहत दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना 2018 के जरिए स्वरोजगार अपनाने का प्रयास कर रहा है। जिसके तहत सूर्यकांत ने नोएडा में अच्छी खासी प्राइवेट नौकरी को छोड़कर अपने पैतृक गांव में सरकारी योजना के जरिए रिवर्स पलायन कर होम स्टे योजना के लिए आवेदन किया। होम स्टे के लिए मकान का कार्य भी जारी है जिसमें लगभग चार कमरे बन कर तैयार हो चुके हैं।
पीड़ित सूर्यकांत ने एक साल पहले निर्माणधीन मकान के लिए घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था लेकिन अभी तक कनेक्शन नही लगा। पीड़ित बिजली विभाग के दफ्तर में कनेक्शन के लिए चक्कर लगाता रहा लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी।

जब पीड़ित ने इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता से की तो उनके द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को फटकार लगाई गई की जिसका नतीजा यह रहा की 13 अप्रैल 2023 को 2 किलोवाट के घरेलू बिजली कनेक्शन का भारी भरकम एस्टीमेट 1,24, 897 रुपये बनाकर पीड़ित को दे दिया गया और कहां गया कि जब यह रुपए जमा हो जाएंगे उसके बाद बिजली का कनेक्शन लग जाएगा।
पीड़ित सूर्यकांत ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारियों के द्वारा सिलेथा ग्राम सभा में दोगुने एस्टीमेट वाले घरेलू बिजली कनेक्शन को महज 28 हाजर रुपए में लगाया। लेकिन पीड़ित से बदला लेने की नीयत से भारी भरकम बिल थमा दिया गया।
पीड़ित सूर्यकांत ने यह भी आरोप लगाया कि एसडीओ रवि अरोड़ा और जेई कमल रावत की मिली भगत से ग्राम सिलेथा में नेशनल हाईवे 534 पर मिलजुलकर कनेक्शन दिए गए जिनके पास बिजली मीटर लगाने तक की जगह नहीं थी। nh 534 पर खुलेआम चीड़ के पेड़ों पर करीब कुछ महीने तक बिजली का मीटर टंगा रहा और मकान का निर्माण कार्य जारी रहा इसकी भी जांच की मांग की है।
जब 18 अक्टूबर 2023 को पीड़ित के द्वारा इसकी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे से की गयी तो मुख्य विकास अधिकारी की फटकार के बाद बिजली विभाग हरकत में आया और अधिशासी अभियंता ने पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर जांच के आदेश जारी किए।
अब ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार की दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना पर बिजली विभाग के अधिकारी कैसे पलीता लगाने में जुटे हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसे में सरकार की रिवर्स पलायन की योजना कैसे पहाड चढ़ेगी यह आने वाला समय ही बताएगा।