अवैध खनन के जायजा लेने वन मुख्यालय से पहुँची टीम खनन करियो में मचा हड़कंप

कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग में हो रहे अवैध खनन पर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद वन मुख्यालय जांच टीम कोटद्वार पहुंची। टीम ने लैंसडौन वन प्रभाग में हो रहे अवैध खनन का जायजा लिया।  टीम के कोटद्वार पहुंचने से खनन माफियाओं में दिनभर हड़कंप मचा रहा। वहीं लैंसडौन वन प्रभाग के कर्मचारियों में भी मंगलवार से ही हड़कंप मचा रहा।

बतादे की कोटद्वार तहसील के भाबर क्षेत्र में मालन नदी के तट पर कंचनपुरी, पॉलिटेक्निकल कॉलेज के पास नदी से चोरी हुए आरबीएम की खरीद फरोख्त हो रही है, वही सुखरौ नदी व सिगड्डी स्रोत नदी व सुखरौ नदी पर बीईएल रोड, मालन नदी पर तल्ला मोटाढांक में भी आरबीएम की चोरी कर स्टॉक में जमा करने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन वन विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग इस ओर ध्यान देने के बजाय कुंभकर्णीय नींद सो रहा था।

आलम यह है कि कंचनपुरी के समीप तो एक आरबीएम के स्टॉक में दिनदहाड़े ही ट्रैक्टर-ट्राली से मालन नदी व मालन नदी के पास बने प्लांटेशन से अवैध खनन का खेल जोर-शोर से चल रहा है। स्टॉक में दिन रात नदी से चोरी कर आरबीएम एकत्रित किया जाता है। उसके उपरांत डंपरों से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर क्रेशरों में सप्लाई किया जाता है।

वन विभाग की सह पर स्टॉक संचालको ने  ट्रैक्टर ट्रालियों से नदियों के अलावा लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में स्थित प्लांटेशन को भी खोद डाला। वहीं मालन नदी के पास स्थित प्लांटेशन के अंदर दर्जनो कीमती लकड़ी के  पेड़ भी खनन की भेंट चढ़ गए।

सूत्रों के मुताबिक मंगलवार से देहरादून से आई टीम की सूचना पाते ही वन विभाग दिनभर मधुमक्खियों की तरह नदियों और आसपास के जंगलों में भिन्न-भिन्नाता रहा। लेकिन देहरादून से आई टीम नदियों, रिजर्व फॉरेस्ट व प्लांटेशनो में हुए खनन की जायजा लेकर बुधबार को वापस चली गई।

अब सूत्रों के हवाले से यह खबर भी सामने आ रही है कि टीम की दहशत के कारण अपने बचाव में लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी हल्दुखाता व कंचनपुर के समीप स्टॉक संचालक के खिलाफ प्लांटेशन और रिजर्व फॉरेस्ट में हुए खनन पर जुर्माना लगाने की जुगत में घूम रहे हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि लैंसडौन वन प्रभाग  के अधिकारी रिजर्व फॉरेस्ट में हुए खनन व वन प्रभाग के अंतर्गत प्लांटेशनो में हुए खनन और दर्जनों पेड़ो की भरपाई में  स्टॉक संचालक के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जुर्माना वसूलते हैं या नहीं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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