कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम की ओर से बद्रीनाथ मार्ग स्थित तहसील परिसर की दीवार पर “भलाई की दीवार” से जरूरतमंदों को खास फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन इन दिनों भलाई की दीवार पर आवारा पशुओं का कब्जा देखने को मिल रहा है, यह सब कुछ देखने के बाद भी नगर निगम चैन की नींद सो रहा है।

नगर निगम प्रशासन ने जनवरी माह 2020 में बद्रीनाथ मार्ग पर तहसील के बाहर “भलाई की दीवार”( जो आपके पास अधिक है यहां छोड़ जाएं, जो जरूरत का है ले जाएं) समपर्ण के भाव मे तैयार हुई थी ,  जिसमें आमजन से उनकी जरूरत में ना आने वाले कपड़ों को एकत्रित किया गया था, मंशा थी कि लोगों के यह कपड़े जरूरतमंदों के प्रयोग में आ सके, निगम की योजना सफल रही और कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को आसानी से अपनी माप व पसंद के कपड़े मिल गए, लेकिन इन दिनों नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण “भलाई की दीवार” पर आवारा पशुओं का कब्जा देखने को मिल रहा है आवारा पशुओं से भलाई की दीवार अस्त व्यस्त ही नहीं हो रही, बल्कि शहर की फिजा भी इन आवारा पशुओं के कारण खराब होती जा रही है।

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