सिगडड़ी स्रोत नदी में भारी मात्रा में अवैध खनन, जाल भरने के लिए उठाए गए बिना अनुमति के सैकड़ो ट्राली पत्थर
कोटद्वार। अगर आप माफिया हैं और आपकी पहुंच शासन तक है तो आप रिजर्व फॉरेस्ट में बहने वाली नदियों से अवैध खनन कर सकते हैं। यह हम इसलिए कह रहे हैं कि लालढांग रेंज के सिगडड़ी स्रोत नदी में कुछ माफियाओं के द्वारा नदी से 4 से 5 सौ ट्राली के लगभग पत्थर उठाकर अपनी भूमि पर जाल बना दिए गए हैं। अब जाल वन विभाग के द्वारा बनाए गए या माफियाओं के द्वारा यह जांच का विषय है।
जानकारी के मुताबिक लालढांग रेंज के सिगडड़ी स्रोत नदी में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सिगडड़ी स्रोत नदी के किनारे भूवदेवपुर स्थित नाप खेत की भूमि में लालढांग रेंज के अधिकारियों की मिलीभगत से चार से पांच सौ ट्रॉली पत्थरो से जाल बना दिए गए हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि जाल वन विभाग के द्वारा बनाए गए हैं या भूस्वामी के द्वारा खुद बनाए गए हैं पर इतना जरूर है कि जाल बनाने के लिए आखिर इतनी भारी मात्रा में पत्थर कहां से आया हैं। क्या पत्थर कहीं से खरीदे गए हैं या नहीं इसका जवाब वन विभाग के पास भी नहीं है। यह भी बताना जरूरी है कि रिजर्व फॉरेस्ट में बहने वाली नदियों से अगर आसपास के क्षेत्र में किसी स्थानीय निवासियों को मकान या अपने जरूरी काम के लिए एक आदा ट्रॉली बजरी और पत्थर की आवश्यकता हो तो वह रिजर्व फॉरेस्ट मैं बहने वाली नदियों से नहीं उठा सकता। कभी कदा अगर कोई एक आदा ट्रॉली बजरी पत्थर उठा भी लेता है तो वन विभाग के अधिकारी उस पर आवश्यक कार्रवाई कर देते हैं । लेकिन अगर आप की ऊंची पहुंच और आप माफिया है तो आप रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध कार्यों को गति दे सकते है आप को रोकने वाला कोई नहीं होगा।
वही लालढांग रेंज के रेंजर देवेन्द्र काला ने बताया कि सिगडड़ी स्रोत नदी के बहाव में कुछ लोगों की जमीन का कटाव हो गया था। उन्होंने वन विभाग से मांग की थी कि वह उनकी जमीन की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार बनाएं। लेकिन वन विभाग के पास धन की कमी होने के कारण उनकी जमीन के कटाव को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार नहीं बनाई जा सकी। जिस कारण भूस्वामी के द्वारा स्वयं ही जाल भरे गए जिसके लिए उन्होंने पत्थर सिगडड़ी स्रोत नदी जो कि रिजर्व फॉरेस्ट में बहती है उस से उठाए।