तीन दिनों से धूं-धूं जल रही कोटद्वार रेंज की ईडा बीट
लैसडौन वन प्रभाग में बढ़ती दवानल की घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार
कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग में दवानल की घटना थमने का नाम नही ले रही है ताजा मामला कोटद्वार रेंज के ईडा बीट का है जहाँ पर जंगल पिछले तीन दिनो से धूं-धूं जल रहे है…तीन दिनों से वन कर्मी आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटे है लेकिन आग ने विकारल रूप धारण कर लिया है..
आप को बता दे विगत दिनों में उत्तराखण्ड के अलग-अलग जगहों पर हुई वनाग्नि की घटनाओं में लापरवाही बरतने वाले वन कर्मियों पर कार्यवाही की गई थी तब भी यह सवाल उठा था कि क्या वनाग्नि की घटनाओं के लिए क्या छोटे कर्मचारी ही जिम्मेदार है? वन विभाग के उच्च अधिकारियों पर क्यों नही कार्यवाही की गई? लैसडौन विधायक ने भी पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत करवाया था की दफ्तरों में बैठे अधिकारी भी वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार है..पिछले तीन दिनों से कोटद्वार रेंज की ईडा बीट में भयानक आग लगी है लेकिन वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने अन्य जगहो से वन कर्मचारियों और फायर वाचरो को आग पर काबू पाने के लिए नही भेजा… अगर पहले दिन अन्य रेंजों से सहायता मिलती तो वनाग्नि पर काबू पाया जा सकता था लेकिन बड़े-बड़े दावे करने वाले दफ्तरों के अंदर ऐसी में बैठे अधिकारियों को वन संपदा से कोई मतलब नही….. जिसका नतीजा कोटद्वार रेंज में देखने को मिल रहा है…