यहां है ट्रैफिक सिग्नल लाइट यातायात पुलिस की कठपुतली

एसएसपी पी रेणुका देवी का जिले से स्थानांतरण के बाद यातायात पुलिस को किसी अधिकारी का नही भय

पढ़िये पूरी खबर बेलगाम यातायात नियमो की…

कोटद्वार । कोटद्वार के नजीबाबाद चौक पर लगभग  12 लाख रूपये की लागत से लगी  ट्रैफिक सिग्नल लाइट यातायात पुलिस की कठपुतली बनी हुई है। यातायात पुलिस अपनी सुविधानुसार सिग्नल लाइट को ऑन-ऑफ कर देती है। जिसके चलते वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कोटद्वार की यातायात पुलिस को इस से कोई लेना देना नहीं होता।

ट्रैफिक सिग्नल काउंटडाउन टाइमर खराब लगा हुवा

आपको बता दें कि तत्कालीन एसएसपी पी रेणुका देवी के द्वारा कोटद्वार की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए लगभग 12 लाख रुपए की लागत से नजीबाबाद चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगवाई थी। लेकिन एसएसपी पी रेणुका देवी का जिले  से स्थानांतरण के बाद ट्रैफिक पुलिस बेलगाम हो गई।

ऐसा लगता है कि जिले में नए पदभार ग्रहण किये एसएसपी का यातायात पुलिस पर किसी प्रकार से लगाम नही है। यातायात पुलिस अपने मनचाहे समय पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट को बंद कर देती है और जब मन चाहे तो सिग्नल लाइट को ऑन कर देती है।

ऐसे में वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। जब कभी सिग्नल लाइट चलती भी है वह भी वाहन चालकों को नही दिखाई देती। लेकिन इसका यातायात पुलिस को कोई लेना देना नहीं होता है। यातायात पुलिस ना तो वाहन चालकों को सिग्नल लाइट के बारे में जानकारी देती है ना ही यातायात पुलिस ने सिग्नल लाइट पर ज़ेबरा क्रॉसिंग बनाई हुई है। सिग्नल लाइट से कितना दूर वाहनों  को खड़ा होना है ऐसी कोई जानकारी यातायात पुलिस के द्वारा  वाहन चालकों को नहीं दी जाती है।

  वाहनों के रुकने की लाइन व बिना जेब्रा क्रॉसिंग की लगी सिग्नल लाइट

क्या होती जेब्रा क्रॉसिंग…

सिग्नल के पास वाहनों के लिए रुकने के लिए स्टॉप लाइन खींची जाती है, उससे करीब चार फीट की दूरी पर जेब्रा क्रॉसिंग की पट्टियां सड़क पर उकेरी जाती हैं। रेड लाइट सिग्नल होने पर वाहन स्टॉप लाइन पर रुकते हैं और उस दौरान पैदल चलने वाले जेब्रा क्रॉसिंग पर चलकर ही सड़क पार करते हैं।

 

अगर यातायात के नियमो की बात करे तो यातायात पुलिस को सड़कों पर शायरी लिखे हुए वाहन, काले शीशे लगे वाले वाहन, प्रेशर हॉर्न लगे हुए वाहन, सायरन लगे हुए वाहन, बिना दिशा संकेतक लगे वाहन(बिना इंडिकेटर), बिना ब्रेक लाइट, बिना साइड सीसा लगे वाहन सड़कों पर नहीं दिखाई देते हैं। कई चौपहिया वाहन व उससे अधिक पहियों के वाहन चालकों ने अपने वाहन को दुल्हन की तरह सजाया होता है। इन वाहनों की लिखावट व सजावट देखने के चक्कर में अन्य वाहन चालक दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं। लेकिन कोटद्वार की यातायात पुलिस को ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ते हुए नहीं दिखाई देते हैं। अगर सिर्फ कोटद्वार की यातायात पुलिस को सड़को पर कुछ दिखाई देता है वह दुपहिया वाहन।

वहीं यातायात निरीक्षक शिव कुमार का कहना है कि शहर में जाम लगने के कारण सिग्नल लाइट को बंद कर दिया जाता है जब जाम खुल जाता है तो फिर से सिग्नल लाइट को ऑन कर दिया जाता है।

2 thoughts on “यहां है ट्रैफिक सिग्नल लाइट यातायात पुलिस की कठपुतली”
  1. कमी कहाँ है वो समझना ज्यादा जरुरी है?
    ट्रैफिक लाइट मैनेजमेंट के लिए प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर होना बहुत जरुरी है. यानि चोडी रोड होना जिसमे लेफ्ट टर्न बिना रुके हुए आगे बढ़ते जायें. छोटे सहरो मे लाल बत्ती लग जाती है पर इंफ्रास्ट्रक्चर होता नही है, तो फिर हम ट्रैफिक पुलिस को दोषी नहीं बता सकते.

    1. आपने अच्छी बात की है लेकिन लगाने वालों को सोचना चाहिये था….

      में आप की बात से सहमत हूँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *