हाईकोर्ट के आदेशों की हो रही अवहेलना, कोटद्वार में निर्माण कार्य की आड़ में ठेकेदारों के द्वारा नदियों में मशीनों से किया जा रहा चुगान…
कोटद्वार। कोटद्वार में नदियों के किनारे निर्माण कार्य के नाम पर नदियों में जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से खनन/चुगान किया जा रहा है… यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है. प्रशासन इस पर कुछ भी कहने को राजी नहीं है. पूरे मामले पर पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ने उठाई जांच की मांग….
वहीं जिलाधिकारी पौड़ी ने उप जिलाधिकारी कोटद्वार की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा की गई संस्तुति के आधार पर पदमपुर मोटाढांक में उपलब्ध मालन नदी के बाएं तट पर 24375 टन उपखनिज (आरबीएम मिश्रित) के उपयोग की अनुमति निम्न शर्तों/प्रतिबंधों के अधीन प्रदान की थी…अनुमति में कहीं भी पोकलैंड और जेसीबी मशीन का जिक्र नहीं है…. उसके बाद भी ठेकेदार के द्वारा नदियों में खनन/चुगान के लिए पोकलैंड और जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है॰
आपको बता दें कि जनवरी 2023 में हाईकोर्ट ने प्रदेश भर की नदियों में खनन और चुगान के लिए मशीनों पर प्रतिबंध लगाया था और तत्काल प्रभाव से प्रदेश में इस आदेश को लागू करने को सरकार को कहा था… चर्चित जगहों पर तो प्रशासन ने नदियों से मशीनों को हटवा दिया था लेकिन कुछ जगहों पर जहां कोई देखने वाला नहीं है उन जगहों पर निर्माण कार्य के नाम पर आज भी नदियों में जेसीबी और पोकलैंड चल रही है यह आरोप हम नहीं लगा रहे हैं यह सब कुछ आपको कैमरे से बनाई गई वीडियो में दिखाई देगा….
वही जब सिंचाई विभाग के जेई सिंटू कुमार से नदी में चल रही मशीनों के संबंध में जानकारी के बारे में बात की गई तो उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी के द्वारा दी गई अनुमति की कॉफी दिखाई…. जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि निर्माण कार्य के लिए सामग्री नदी के तट पर खसरा संख्या 132,133 से उठाई जा सकती है लेकिन उस अनुमति में मशीनों का जिक्र कहीं भी नहीं है लेकिन ठेकेदारों के द्वारा नदियों में 8 से 10 मशीनें उतारी हुई हैं आखिर यह मशीने किस के आदेशों पर नदी में गई है इसका कोई जवाब नहीं है….
वही पूरे मामले पर पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ने कहा कि जब किसी भी कार्य का टेंडर होता है तो उस टेंडर में स्पष्ट रूप से अंकित होता है कि किस नदी का मैट्रियल इस निर्माण कार्य पर लगेगा और हाईकोर्ट के आदेशों में स्पष्ट है कि नदियों में पोकलैंड जेसीबी से खनन/चुगान नहीं होगा… उसके बाद भी कोटद्वार की नदियों में निर्माण कार्य के नाम पर पोकलैंड और जेसीबी से खनन हो रहा है यह जांच का विषय है इस पर मामले पर जांच होनी चाहिए…
जब इस संबंध में उप जिलाधिकारी कोटद्वार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कहीं भी मशीनों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है अगर ऐसा कहीं पर पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी॰